गुटखा तम्बाकू छोड़ दे: भारत भूषण अरोड़ा
विश्व तम्बाकू निषेद दिवस पर
एक स्वरचित रचना.........
गुटखा तम्बाकू छोड़ दे बंदे वरना फिर पछताएगा
मुंह में हो जाएगा कैंसर हाथ मलता रह जाएगा
डॉक्टर की होगी लंबी फीस कहां से पैसा लाएगा
मकान बेच कर कर्ज लेकर ऑपरेशन करवाएगा
परिवार को चिंता में छोड़ कर अस्पताल जाएगा
ये बीमारी है बड़ी भयंकर क्या इस से बच पाएगा
डॉक्टर देगा नहीं गारंटी घर वापस तू आएगा
बच्चों को अनाथ छोड़ कर कहां चैन तू पाएगा
भारत भूषण अरोड़ा # जज़्बाती #
प्रयागराज (यूपी)
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